धर्म नगरी अयोध्या के मिल्कीपुर तहसील राम सिंह हत्याकांड में शामिल, अपराध संख्या 435/23 में नामजद अपराधिनी गिरिजा देवी उर्फ लमबरदारिन ने महिला पत्रकार नीलम सिंह व पूरे परिवार को जान से मारने की दी धमकी,पत्रकारिता पर हमला या प्रशासन की नाकामी? सवालों के घेरे में अयोध्या पुलिस
धर्म नगरी अयोध्या के मिल्कीपुर तहसील राम सिंह हत्याकांड में शामिल, अपराध संख्या 435/23 में नामजद अपराधिनी गिरिजा देवी उर्फ लमबरदारिन ने महिला पत्रकार नीलम सिंह व पूरे परिवार को जान से मारने की दी धमकी,पत्रकारिता पर हमला या प्रशासन की नाकामी? सवालों के घेरे में अयोध्या पुलिस
अयोध्या।
अयोध्या जनपद की तहसील मिल्कीपुर में एक बार फिर से कानून व्यवस्था और महिला सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। रामसिंह हत्याकांड (अपराध संख्या 435/23) की नामजद अपराधिनी गिरिजा देवी उर्फ लमबरदारिन पत्नी स्वर्गीय जगदीश सिंह निवासिनी पलिया मु0 कुचेरा, पलिया जगमोहन सिंह मिल्कीपुर थाना इनायत नगर जनपद अयोध्या द्वारा महिला पत्रकार नीलम सिंह को खुलेआम जान से मारने की धमकी देने का मामला सामने आया है, जिससे जिले की पुलिस कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगना स्वाभाविक है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, 1 जुलाई को दोपहर 12 बजे महिला पत्रकार नीलम सिंह अपने पत्रकार साथियों के साथ मिल्कीपुर उपजिलाधिकारी कार्यालय पहुंची थीं। वह अपने पिता स्वर्गीय रामसिंह द्वारा दान में दी गई भूमि गाटा संख्या 610 ख पर हो रहे अवैध निर्माण के संबंध में शिकायत दर्ज कराने गई थीं। आरोप है कि उक्त भूमि पर रामसिंह की हत्या में नामजद आरोपी गिरिजा देवी जबरन निर्माण करवा रही हैं।
उपजिलाधिकारी से वार्ता के बाद लगभग 2 बजे तहसील परिसर में गिरिजा देवी से आमना-सामना हो गया। यहां गिरिजा देवी ने महिला पत्रकार को घूरते हुए पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी दी। उन्होंने कहा – “जिस तरह तुम्हारे पिता को खत्म किया, उसी तरह पूरे खानदान को मिटा देंगे। हमारे पास पैसा है, पुलिस जेब में रहती है, दो साल हो गए कुछ नहीं कर पाईं।”
जब पत्रकारों ने विरोध किया तो हत्यारोपी गिरिजा देवी ने अपनी बात पलटते हुए कहा कि “तुम्हारे पिता छत से गिरे थे।” इस बयान को लेकर दोनों पक्षों में तीखी नोकझोंक हुई।
यह कोई पहली घटना नहीं है। अक्टूबर 2024 में भी महिला पत्रकार पर जानलेवा हमला हो चुका है, जिसकी शिकायत थाना इनायतनगर में दर्ज कराई गई थी, परंतु अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। महिला पत्रकार ने विगत दो वर्षों में मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री, महिला आयोग, रक्षामंत्री, डीएम, एसएसपी समेत कई उच्चाधिकारियों को शिकायती पत्र भेजे, लेकिन कार्रवाई के नाम पर अयोध्या पुलिस प्रशासन लीपापोती करता नजर आ रहा है।
मामले की विवेचना क्राइम ब्रांच अयोध्या के इंस्पेक्टर दिनेश कुमार यादव कर रहे हैं, लेकिन अब तक जांच में कोई ठोस प्रगति नहीं हुई। जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महिला सुरक्षा के लिए कई अभियान चला रहे हैं, वहीं अयोध्या में महिलाओं पर अत्याचार रुकने का नाम नहीं ले रहे।
यह चिंतन का विषय है कि जब पत्रकार – जो समाज की आवाज़ है – ही सुरक्षित नहीं, तो आम जनता कितनी सुरक्षित है, यह आने वाला समय बताएगा। जो कि क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।
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